लफ़्ज़ नहीं, ये जज़्बात बोलते हैं, जो दिल में छुपे थे, वो अब खोलते हैं। जब बात मोहब्बत की हो, तो हिंदी में हर लफ़्ज़ इबादत लगता है। तुझसे बिछड़ कर भी तेरा एहसास बाकी है, उर्दू की हर नज़्म में अब तेरा नाम बाकी है। प्यार किया था तुझसे बेइंतहा, अब हर रिश्ते से डर सा लगता है। चेहरे पर मुस्कान है पर दिल रो रहा है, तेरी यादों का समंदर अब भी गहरा हो रहा है। शायरी मेरी आदत नहीं, तेरे नाम की इबादत है। कभी लफ़्ज़, कभी आंसू, हर शायरी में तुझसे मुलाक़ात होती है। जिसे चाहा था दिल से, वही दिल तोड़ गया, अब हर धड़कन एक सज़ा सी लगती है। Not all poems rhyme, Some bleed quietly through time. We write what we feel, In a world that forgot how to feel. "प्यार वो नहीं जो दिखाया जाए, प्यार वो है जो छुपकर भी निभाया जाए।" दिल तो अब भी तेरा है, बस धड़कना हमने छोड़ दिया है। हर writer की कलम में एक अधूरी दास्तां होती है, जिसे कोई नहीं पढ़ता, पर सब महसूस करते हैं। मोहब्बत अगर सच्ची हो, तो जुदाई भी वफ़ा लगती है। हम मुस्कराते हैं लोगों के लिए, वरना...